Section 20 BNS Act of a childunder sevenyears of age.

Section 20 BNS

परिचय : Section 20 BNS की भूमिका भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की जगह ली है। इसमें अपराध और दंड से जुड़े प्रावधानों को आधुनिक समय की आवश्यकताओं के अनुसार पुनर्लिखित किया गया है। Section 20 BNS एक महत्वपूर्ण प्रावधान है, जो बच्चों से संबंधित अपराध की जिम्मेदारी को परिभाषित … Read more

Section 19 BNS Act likely to cause harm, but done without criminal intent, and to prevent other harm.

Section 19 BNS

परिचय of Section 19 BNS भारतीय दंड संहिता (अब भारतीय न्याय संहिता – BNS) में अपराध के दायरे और उनकी व्याख्या को स्पष्ट करने के लिए कई विशेष प्रावधान दिए गए हैं। Section 19 BNS का महत्व इस दृष्टि से अत्यधिक है कि यह उन परिस्थितियों पर प्रकाश डालती है जहाँ किसी व्यक्ति का किया … Read more

Section 18 BNS Accident in doing a lawful act.

Section 18 BNS

परिचय of Section 18 BNS Section 18 BNS — जिसका मूल प्रावधान भारत के प्रचलित आपराधिक कानून में पूर्व में धारा 80 (IPC) के रूप में मिलता था — इस सिद्धांत का संक्षेप है कि हर अनपेक्षित हानिकारक परिणाम अपराध नहीं बनता यदि कृत्य वैध था, वैध तरीके से किया गया हो, और कर्ता ने … Read more

Section 17 BNS Act done by a person justified, or by mistake of fact believing himself justified, by law.

Sectoin 17 BNS

परिचय भारतीय न्याय संहिता (Bharatiya Nyaya Sanhita – BNS) का उद्देश्य अपराध और दंड की परिभाषा को आधुनिक, सरल और व्यवहारिक रूप देना है। Section 17 BNS का संबंध उन परिस्थितियों से है, जब कोई व्यक्ति किसी कार्य को करते समय यह विश्वास करता है कि उसका कार्य कानून द्वारा उचित (justified by law) है, … Read more

Section 16 BNS Act done pursuant to judgment or order of Court

Section 16 BNS

परिचय of Section 16 BNS भारतीय न्याय प्रणाली में न्यायालय के आदेश और निर्णय सर्वोपरि माने जाते हैं। यदि कोई व्यक्ति न्यायालय के आदेश या निर्णय का पालन करता है, तो उसे अपराध नहीं कहा जाएगा—even यदि बाद में यह पाया जाए कि न्यायालय के पास उस आदेश को पारित करने का अधिकार (Jurisdiction) नहीं … Read more

Section 15 BNS Act of Judge when acting judicially.

Section 15 BNS

प्रस्तावना of Section 15 BNS भारत एक विधि-प्रधान देश है, जहाँ न्यायपालिका लोकतंत्र का तीसरा स्तंभ मानी जाती है। न्यायपालिका के कार्य निष्पक्ष, स्वतंत्र और न्यायोचित हों, इसके लिए आवश्यक है कि न्यायाधीश अपने निर्णय और कार्य न्यायिक शक्तियों के अंतर्गत ही करें।इसी उद्देश्य से भारतीय न्याय संहिता, 2023 (BNS) की Section 15 BNS में … Read more

Section 14 BNS Act done by a person bound, or by mistake of fact believing himself bound, by law

Section 14 BNS

प्रस्तावना भारतीय न्याय संहिता (Bharatiya Nyaya Sanhita – BNS) 2023, भारतीय दंड संहिता (IPC) की जगह लागू की गई है। इसका उद्देश्य दंड विधि को अधिक सरल, आधुनिक और भारत की सामाजिक-कानूनी परिस्थितियों के अनुरूप बनाना है। इस संहिता की Section 14 BNS का संबंध उन कार्यों से है जो किसी व्यक्ति द्वारा इस विश्वास … Read more

Section 13 BNS Enhanced Punishment for Certain Offences after Previous Conviction

Section 13 BNS

प्रस्तावना of Section 13 BNS भारतीय न्याय संहिता (Bharatiya Nyaya Sanhita, 2023) का उद्देश्य भारतीय दंड संहिता, 1860 (IPC) को अधिक व्यावहारिक, समयानुकूल और सरल रूप में प्रस्तुत करना है। इसी कड़ी में धारा 13 BNS ( Section 13 BNS ) उन अपराधों से संबंधित है, जहाँ किसी अपराधी ने पहले भी अपराध किया हो … Read more

Section 12 BNS Limit of solitary confinement.

Section 12 BNS

Section 12 BNS (भारतीय न्याय संहिता) – एकांत कारावास की सीमा प्रस्तावना of Section 12 BNS भारतीय न्याय संहिता (Bharatiya Nyaya Sanhita – BNS) 2023 के अंतर्गत अपराधियों के लिए दंड निर्धारण में विभिन्न प्रकार की सज़ाओं का प्रावधान किया गया है। इन सज़ाओं में से एक विशेष प्रकार की सज़ा है एकांत कारावास (Solitary … Read more

Section 11 BNS BHARATIYA NYAYA SANHITA, 2023 Solitary confinement.

Section 11 BNS

प्रस्तावना भारतीय न्याय संहिता (Bharatiya Nyaya Sanhita – BNS) 2023 ने भारतीय दंड संहिता (IPC) को प्रतिस्थापित करते हुए कई प्रावधानों में बदलाव किया है। इनमें धारा 11 (Section 11 BNS) एक महत्वपूर्ण प्रावधान है, जो “एकांत कारावास” (Solitary Confinement) से संबंधित है। एकांत कारावास का अर्थ है – कैदी को समाज से, अन्य कैदियों … Read more