Section 30 BNS: किसी व्यक्ति के लाभ हेतु बिना सहमति के सद्भावना में किया गया कार्य
भारतीय न्याय प्रणाली में Section 30 BNS (Bharatiya Nyaya Sanhita, 2023) एक अत्यंत महत्वपूर्ण प्रावधान है। यह धारा उन परिस्थितियों को स्पष्ट करती है जहाँ किसी व्यक्ति की सहमति उपलब्ध न होने के बावजूद, उसके लाभ हेतु और पूर्ण सद्भावना में किया गया कार्य अपराध नहीं माना जाता।
यह धारा मानवीय मूल्यों, तात्कालिक परिस्थितियों और आपातकालीन कार्यों के बीच संतुलन बनाने का प्रयास करती है।
- 1 Section 30 BNS का शाब्दिक प्रावधान
- 2 Section 30 BNS की प्रमुख शर्तें
- 3 Section 30 BNS के अपवाद (Exceptions)
- 4 Section 30 BNS के उदाहरण (Illustrations)
- 5 Section 30 BNS का कानूनी महत्व
- 6 Section 30 BNS केस लॉ (Case Laws)
- 7 व्याख्या: केवल आर्थिक लाभ अपवाद है
- 8 Section 30 BNS पर टिप्पणियाँ (Comments)
- 9 अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
- 10 Section 30 BNS निष्कर्ष
Section 30 BNS का शाब्दिक प्रावधान
इस धारा के अनुसार:
“Nothing is an offence by reason of any harm which it may cause to a person for whose benefit it is done in good faith, even without that person’s consent, if the circumstances are such that it is impossible for that person to signify consent, or if that person is incapable of giving consent, and has no guardian or other person in lawful charge of him from whom it is possible to obtain consent in time for the thing to be done with benefit…”
सरल शब्दों में, यह धारा कहती है कि –
- यदि कोई कार्य पूरी सद्भावना (Good Faith) से किया गया है,
- वह कार्य व्यक्ति के लाभ हेतु किया गया है,
- और परिस्थितियाँ ऐसी हैं कि उस व्यक्ति की सहमति लेना संभव नहीं है,
तो ऐसे कार्य को अपराध नहीं माना जाएगा।
Section 29 BNS Exclusion of acts which are offences independently of harm caused.
Section 30 BNS की प्रमुख शर्तें
1. सद्भावना (Good Faith)
कार्य करने वाले व्यक्ति का इरादा पूरी तरह नेक होना चाहिए। उसका उद्देश्य किसी प्रकार का लाभ कमाना, हानि पहुँचाना या दुर्भावना रखना नहीं होना चाहिए।
2. व्यक्ति का लाभ (Benefit of Person)
कार्य सीधे उस व्यक्ति के जीवन, स्वास्थ्य या सुरक्षा से जुड़ा होना चाहिए। सिर्फ आर्थिक या पैसों से जुड़ा लाभ इस धारा के अंतर्गत नहीं आता।
3. सहमति असंभव होना (Impossibility of Consent)
यदि व्यक्ति –
- बेहोश है,
- असमर्थ है बोलने या निर्णय लेने में,
- या ऐसी आपातकालीन स्थिति है जहाँ समय बर्बाद करने से उसकी जान या गंभीर नुकसान हो सकता है,
तो सहमति के बिना कार्य करना वैध माना जाएगा।
4. अभिभावक की अनुपस्थिति
यदि व्यक्ति नाबालिग है या अक्षम है, तो सामान्यत: उसके अभिभावक या कानूनी जिम्मेदार व्यक्ति से सहमति ली जाती है। लेकिन यदि तत्काल स्थिति में अभिभावक उपलब्ध नहीं है, तब भी यह धारा लागू होती है।
Section 30 BNS के अपवाद (Exceptions)
यह धारा कुछ महत्वपूर्ण अपवादों के साथ आती है, ताकि इसका दुरुपयोग न हो सके:
- जानबूझकर मृत्यु का कारण बनना (Intentional Causing of Death)
– यदि कार्य का उद्देश्य मृत्यु करना है, तो यह धारा सुरक्षा प्रदान नहीं करेगी। - मृत्यु की संभावना वाले कार्य (Likely to Cause Death)
– यदि मृत्यु होने की संभावना है और उद्देश्य मृत्यु रोकना या गंभीर बीमारी का इलाज नहीं है, तो यह अपराध होगा। - जानबूझकर चोट पहुँचाना (Voluntary Causing Hurt)
– यदि कार्य सिर्फ चोट पहुँचाने के उद्देश्य से है और उसमें जीवन रक्षा जैसी आवश्यकता नहीं है, तो यह धारा लागू नहीं होगी। - अपराध का उकसाना (Abetment of Offence)
– यदि कोई व्यक्ति इस धारा का सहारा लेकर अपराध को बढ़ावा दे, तो इसे संरक्षण नहीं मिलेगा।
Section 30 BNS के उदाहरण (Illustrations)
उदाहरण 1:
ज़ घोड़े से गिरकर बेहोश हो जाता है।
एक सर्जन ए देखता है कि ज़ का ऑपरेशन तुरंत आवश्यक है। ए, ज़ के होश में आने से पहले ही ऑपरेशन कर देता है। यहाँ ए ने अपराध नहीं किया।
उदाहरण 2:
ज़ को बाघ उठा ले जाता है।
ए बाघ पर गोली चलाता है, जानते हुए कि गोली ज़ को भी लग सकती है। लेकिन उसका उद्देश्य ज़ की जान बचाना है। गोली से ज़ की मृत्यु हो जाती है। फिर भी ए ने कोई अपराध नहीं किया।
उदाहरण 3:
एक बच्चा गंभीर चोट खा लेता है।
सर्जन ए तुरंत ऑपरेशन करता है, जबकि बच्चा और लोग मना करते हैं। लेकिन उसका उद्देश्य बच्चे की जान बचाना है। यहाँ भी अपराध नहीं हुआ।
उदाहरण 4:
घर में आग लगी है।
ए ज़ नामक बच्चे को ऊपर से कंबल में फेंकता है। गिरने से बच्चा मर जाता है। लेकिन ए ने सद्भावना से यह कार्य किया। अतः यह अपराध नहीं है।
Section 30 BNS का कानूनी महत्व
यह धारा डॉक्टरों, पुलिस अधिकारियों, आपातकालीन सेवाओं और आम नागरिकों को “मानवीय आधार पर त्वरित कार्यवाही” करने की छूट देती है।
- यदि कोई डॉक्टर मरीज की सहमति के बिना उसकी जान बचाने के लिए ऑपरेशन करता है, तो वह सुरक्षित है।
- यदि कोई व्यक्ति जलते हुए घर से बच्चे को बचाने के लिए खतरनाक कदम उठाता है, तो वह अपराधी नहीं माना जाएगा।
Section 30 BNS केस लॉ (Case Laws)
1. Poonam Verma v. Ashwin Patel (1996)
Section 30 BNS सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डॉक्टर यदि बिना उचित योग्यता या सद्भावना के इलाज करता है और नुकसान हो जाता है, तो वह दंडनीय है।
इस केस से यह स्पष्ट हुआ कि सिर्फ सद्भावना पर्याप्त नहीं है, सद्भावना के साथ कौशल और सही उद्देश्य भी होना चाहिए।
2. State of Gujarat v. Mirzapur Moti Kureshi Kassab (2005)
यहाँ कोर्ट ने स्पष्ट किया कि “Good Faith” का अर्थ है – उचित सावधानी और बिना किसी छल-कपट के कार्य करना।
3. Laxman Balkrishna Joshi v. Trimbak Bapu Godbole (1969)
डॉक्टर ने बिना सहमति के सर्जरी की, जिससे मरीज की मृत्यु हो गई। कोर्ट ने कहा – यदि कार्य सद्भावना और मरीज की जान बचाने के लिए था, तो अपराध नहीं माना जाएगा।
व्याख्या: केवल आर्थिक लाभ अपवाद है
इस धारा के अंतर्गत केवल शारीरिक और जीवन सुरक्षा से जुड़े कार्य आते हैं।
किसी को आर्थिक लाभ पहुँचाना “Benefit” की परिभाषा में नहीं आता।
जैसे – यदि कोई व्यक्ति बिना सहमति के किसी का धन निवेश कर देता है और उससे लाभ होता है, तो यह धारा लागू नहीं होगी।
Section 30 BNS पर टिप्पणियाँ (Comments)
- यह धारा व्यक्ति की जान और सुरक्षा को सर्वोच्च मानती है।
- डॉक्टरों और आपातकालीन कर्मियों को कानूनी सुरक्षा देती है।
- परंतु, दुरुपयोग रोकने के लिए कठोर अपवाद भी रखे गए हैं।
- न्यायालयों ने इसे “मानवीय दृष्टिकोण से लचीला प्रावधान” कहा है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
Q1. क्या बिना सहमति के ऑपरेशन करना अपराध है?
नहीं, यदि ऑपरेशन मरीज की जान बचाने के लिए सद्भावना से किया गया है और सहमति लेना असंभव था।
Q2. क्या आर्थिक लाभ के लिए किया गया कार्य इस धारा में सुरक्षित है?
नहीं, केवल शारीरिक सुरक्षा और जीवन रक्षक कार्य ही इसमें आते हैं।
Q3. यदि कार्य से मृत्यु हो जाए तो क्या अपराध माना जाएगा?
यदि कार्य जान बचाने हेतु किया गया और मृत्यु अनजाने में हुई, तो अपराध नहीं है।
Q4. क्या इस धारा का दुरुपयोग संभव है?
हाँ, परंतु अपवादों और न्यायालय की कठोर व्याख्या के कारण दुरुपयोग की संभावना सीमित है।
Q5. क्या पुलिस अधिकारी को भी यह धारा सुरक्षा देती है?
हाँ, यदि उसने आपातकालीन स्थिति में किसी व्यक्ति की सुरक्षा हेतु कार्य किया।
Section 30 BNS निष्कर्ष
Section 30 BNS मानव जीवन की रक्षा और आपातकालीन परिस्थितियों में त्वरित कार्यवाही को प्रोत्साहित करता है। यह प्रावधान डॉक्टरों, नागरिकों और सुरक्षा एजेंसियों को यह भरोसा देता है कि यदि उन्होंने सद्भावना और लाभ के उद्देश्य से कार्य किया, तो उन्हें अपराधी नहीं ठहराया जाएगा।
हालाँकि, इस धारा का दुरुपयोग न हो, इसके लिए स्पष्ट अपवाद भी दिए गए हैं।
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