Section 2 BNS Definitions

Section 2 BNS – परिभाषाएँ (Definitions)

भारत के आपराधिक विधि (Criminal Law) में परिभाषाओं (Definitions) का विशेष महत्व है। Bharatiya Nyaya Sanhita, 2023 (BNS) की धारा 2 ( Section 2 BNS ) उन सभी आवश्यक कानूनी शब्दों को स्पष्ट करती है, जिनका प्रयोग इस संहिता में किया गया है।

किसी भी कानून की व्याख्या करते समय सबसे पहली ज़रूरत होती है कि उसमें प्रयुक्त शब्दों के सही अर्थ को समझा जाए। इसी उद्देश्य से यह धारा “Definitions” के रूप में कार्य करती है।

Section 2 BNS का उद्देश्य

  • कानून में प्रयुक्त शब्दों का निश्चित अर्थ प्रदान करना।
  • एकरूपता (Uniformity) बनाए रखना।
  • न्यायिक प्रक्रिया में भ्रम से बचना।
  • अपराध और दंड निर्धारण में स्पष्टता देना।

Section 2 BNS के मुख्य उप-खंड (Sub-sections)

अब हम एक-एक करके सभी उप-परिभाषाओं को हिंदी में समझेंगे।

Section 2 BNS (1) “कार्य” (Act)

“कार्य” (Act) का अर्थ केवल एक कार्य ही नहीं बल्कि कार्यों की श्रृंखला (Series of acts) से भी है।

उदाहरण:
यदि कोई व्यक्ति चोरी की योजना बनाता है, ताला तोड़ता है, और वस्तु उठाकर ले जाता है – तो यह एक Act न होकर Series of Acts है।

See it :- Section 20 BNS Act of a childunder sevenyears of age.

Section 2 BNS (2) “पशु” (Animal)

“पशु” का अर्थ है – कोई भी जीवित प्राणी, मनुष्य को छोड़कर

उदाहरण:
गाय, घोड़ा, कुत्ता, पक्षी आदि सब “Animal” की श्रेणी में आते हैं।

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Section 2 BNS (3) “बालक/बालिका” (Child)

“बालक” का अर्थ है – 18 वर्ष से कम आयु का व्यक्ति।

महत्व:
यह परिभाषा किशोर न्याय अधिनियम (Juvenile Justice Act, 2015) से भी मेल खाती है।

Section 2 BNS (4) “जालसाजी/कूटकरण” (Counterfeit)

जब कोई व्यक्ति किसी वस्तु को दूसरी वस्तु से मिलती-जुलती बनाता है, इस आशय से कि वह धोखा दे सके, तो यह कूटकरण (Counterfeiting) कहलाता है।

  • स्पष्टीकरण 1 – नक़ल बिल्कुल समान होना आवश्यक नहीं।
  • स्पष्टीकरण 2 – यदि रूप इतना मिलता-जुलता है कि कोई व्यक्ति धोखा खा सकता है, तो इसे कूटकरण माना जाएगा।

उदाहरण:
नकली नोट, नकली सिक्का, नकली ट्रेडमार्क।

Case Law: K. R. Purushothaman vs State of Kerala (2005) – सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि Counterfeit में Mens rea (धोखा देने का इरादा) होना आवश्यक है।

Section 2 BNS (5) “न्यायालय” (Court)

“न्यायालय” का अर्थ है – ऐसा न्यायाधीश या न्यायाधीशों का समूह जिसे विधि द्वारा न्यायिक रूप से कार्य करने का अधिकार प्राप्त हो।

उदाहरण:
जिला न्यायालय, उच्च न्यायालय, सर्वोच्च न्यायालय।

Section 2 BNS (6) “मृत्यु” (Death)

“मृत्यु” से तात्पर्य मानव-जीव की मृत्यु से है।

Section 2 BNS (7) “बेईमानी से” (Dishonestly)

जब कोई कार्य किसी अन्य व्यक्ति को अनुचित लाभ पहुँचाने या अनुचित हानि पहुँचाने के इरादे से किया जाता है तो वह कार्य “Dishonestly” है।

उदाहरण:
चोरी करना, धोखाधड़ी करना।

Section 2 BNS (8) “दस्तावेज़” (Document)

“दस्तावेज़” वह है – कोई भी बात जो अक्षरों, अंकों, चिन्हों, या डिजिटल/इलेक्ट्रॉनिक रूप में अभिव्यक्त हो और प्रमाण (Evidence) के रूप में प्रयुक्त हो सके।

उदाहरण:

  • अनुबंध पत्र
  • चेक
  • नक्शा या योजना
  • पावर ऑफ अटॉर्नी
  • डिजिटल रिकॉर्ड

Case Law: State of Delhi vs Girdhari Lal (2002) – न्यायालय ने माना कि कंप्यूटर में संग्रहीत रिकॉर्ड भी “Document” है।

Section 2 BNS (9) “कपटपूर्वक” (Fraudulently)

जब कोई कार्य धोखा देने की मंशा से किया जाता है तो उसे Fraudulently कहते हैं।

Section 2 BNS (10) “लिंग” (Gender)

“वह/He” जैसे सर्वनाम किसी भी व्यक्ति – पुरुष, स्त्री, या ट्रांसजेंडर – के लिए प्रयुक्त होंगे।

Section 2 BNS (11) “सद्भावना से” (Good Faith)

कोई भी कार्य “Good Faith” में तब होगा जब वह उचित सावधानी और ध्यान से किया गया हो।

Case Law: Chiranjit Lal vs Union of India (1951) – सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बिना उचित सावधानी के किया गया कार्य Good Faith नहीं माना जाएगा।

Section 2 BNS (12) “सरकार” (Government)

सरकार से अभिप्राय – केंद्र सरकार या राज्य सरकार।

Section 2 BNS (13) “शरण देना” (Harbour)

किसी अपराधी को भोजन, कपड़ा, पैसा, हथियार या छिपने की जगह देना – “Harbour” कहलाता है।

Section 2 BNS (14) “चोट/क्षति” (Injury)

शरीर, मन, प्रतिष्ठा या संपत्ति को अवैध रूप से पहुँचाई गई क्षति।

Section 2 BNS (15) “अवैध” और “कानूनन बाध्य” (Illegal & Legally Bound to Do)

  • अवैध (Illegal) – वह सब जो अपराध है, निषिद्ध है या सिविल कार्यवाही का आधार है।
  • कानूनन बाध्य (Legally Bound) – जब किसी व्यक्ति का किसी कार्य को न करना अवैध हो।

Section 2 BNS (16) “न्यायाधीश” (Judge)

वह व्यक्ति जो विधि द्वारा अंतिम निर्णय देने के लिए अधिकृत है।

उदाहरण:
मजिस्ट्रेट, जिला न्यायाधीश, उच्च न्यायालय के न्यायाधीश।

Section 2 BNS (17) “जीवन” (Life)

“जीवन” से आशय – मनुष्य का जीवन।

Section 2 BNS (18) “स्थानीय कानून” (Local Law)

जो कानून केवल भारत के किसी विशेष भाग में लागू हो।

Section 2 BNS (19) “पुरुष” (Man)

किसी भी आयु का पुरुष मानव।

Section 2 BNS (20) “माह और वर्ष” (Month & Year)

Gregorian Calendar के अनुसार समझे जाएँगे।

Section 2 BNS (21) “चल संपत्ति” (Movable Property)

भूमि या उससे जुड़ी वस्तुओं को छोड़कर शेष सभी संपत्ति।

Section 2 BNS (22) “संख्या” (Number)

एकवचन शब्द बहुवचन को और बहुवचन शब्द एकवचन को भी दर्शाते हैं।

Section 2 BNS (23) “शपथ” (Oath)

शपथ या उसके स्थान पर विधि द्वारा अनुमोदित गंभीर प्रतिज्ञान (Affirmation)।

Section 2 BNS (24) “अपराध” (Offence)

वह सब जो इस संहिता या किसी विशेष/स्थानीय कानून द्वारा दंडनीय है।

Section 2 BNS (25) “अवकाश” (Omission)

कार्य न करना – चाहे एक बार हो या कई बार – “Omission” कहलाता है।

Section 2 BNS (26) “व्यक्ति” (Person)

व्यक्ति में कंपनी, संघ, या निकाय भी शामिल है।

Section 2 BNS (27) “जनता” (Public)

किसी भी वर्ग या समुदाय के लोग।

Section 2 BNS (28) “लोक सेवक” (Public Servant)

वे सभी व्यक्ति जो सरकार की ओर से सार्वजनिक दायित्व निभाते हैं – जैसे न्यायाधीश, सैनिक अधिकारी, सरकारी अधिकारी, नगरपालिका कमिश्नर आदि।

Case Law: State of Maharashtra vs Laljit Rajshi Shah (2000) – न्यायालय ने कहा कि Public Servant में वह व्यक्ति भी आता है जो वास्तव में सरकारी कार्य कर रहा हो, भले ही उसकी नियुक्ति में कोई त्रुटि हो।

Section 2 BNS (29) “विश्वास करने का कारण” (Reason to Believe)

जब किसी व्यक्ति के पास किसी तथ्य को मानने के लिए पर्याप्त कारण हो।

Section 2 BNS (30) “विशेष कानून” (Special Law)

किसी विशेष विषय पर लागू कानून।

Section 2 BNS (31) “मूल्यवान प्रतिभूति” (Valuable Security)

ऐसा दस्तावेज़ जो किसी कानूनी अधिकार को उत्पन्न, हस्तांतरित, सीमित या समाप्त करता हो।

Section 2 BNS (32) “जहाज” (Vessel)

जल-मार्ग से मनुष्य या संपत्ति को ले जाने हेतु निर्मित कोई भी साधन।

Section 2 BNS (33) “स्वेच्छा से” (Voluntarily)

जब कोई व्यक्ति किसी कार्य का परिणाम जान-बूझकर या संभावित परिणाम जानकर करता है।

Section 2 BNS (34) “वसीयत” (Will)

किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसकी संपत्ति के बंटवारे संबंधी लिखित दस्तावेज़।

Section 2 BNS (35) “स्त्री” (Woman)

किसी भी आयु की महिला।

Section 2 BNS (36) “अनुचित लाभ” (Wrongful Gain)

ऐसा लाभ जो अवैध साधनों से प्राप्त हो।

Section 2 BNS (37) “अनुचित हानि” (Wrongful Loss)

किसी को अवैध साधनों से हुई हानि।

Section 2 BNS (38) “अनुचित लाभ उठाना” और “अनुचित हानि उठाना”

किसी संपत्ति का अवैध रूप से अर्जन करना या किसी को उसका वैध अधिकार न देना।

Section 2 BNS (39) अन्य परिभाषाएँ

जो शब्द इस संहिता में परिभाषित नहीं हैं लेकिन IT Act 2000 या Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita, 2023 में परिभाषित हैं – उनका वही अर्थ होगा।

FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

Q1. Section 2 BNS क्यों महत्वपूर्ण है?

क्योंकि यह सभी आवश्यक कानूनी शब्दों की स्पष्ट परिभाषा प्रदान करता है।

Q2. क्या डिजिटल रिकॉर्ड “Document” माना जाएगा?

हाँ, Section 2 BNS स्पष्ट करती है कि इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल रिकॉर्ड भी दस्तावेज़ हैं।

Q3. क्या “Public Servant” में प्राइवेट कंपनी का कर्मचारी आता है?

केवल वही जिन पर कानून लागू हो, जैसे – चुनाव अधिकारी, सरकारी उपक्रम (PSU) कर्मचारी।

Q4. “Good Faith” और “Dishonestly” में क्या अंतर है?

Good Faith में कार्य उचित सावधानी से किया जाता है, जबकि Dishonestly में इरादा अनुचित लाभ/हानि पहुँचाने का होता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

Section 2 BNS (Definitions), भारतीय दंड विधि का आधारभूत स्तंभ है। इसमें दी गई परिभाषाएँ केवल शब्दों का अर्थ नहीं बतातीं बल्कि न्यायपालिका और विधि प्रवर्तन एजेंसियों को दिशा प्रदान करती हैं। इन परिभाषाओं के बिना अपराधों की सटीक पहचान और दंड निर्धारण असंभव है।

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