Section 17 BNS Act done by a person justified, or by mistake of fact believing himself justified, by law.

Sectoin 17 BNS

परिचय भारतीय न्याय संहिता (Bharatiya Nyaya Sanhita – BNS) का उद्देश्य अपराध और दंड की परिभाषा को आधुनिक, सरल और व्यवहारिक रूप देना है। Section 17 BNS का संबंध उन परिस्थितियों से है, जब कोई व्यक्ति किसी कार्य को करते समय यह विश्वास करता है कि उसका कार्य कानून द्वारा उचित (justified by law) है, … Read more

Section 16 BNS Act done pursuant to judgment or order of Court

Section 16 BNS

परिचय of Section 16 BNS भारतीय न्याय प्रणाली में न्यायालय के आदेश और निर्णय सर्वोपरि माने जाते हैं। यदि कोई व्यक्ति न्यायालय के आदेश या निर्णय का पालन करता है, तो उसे अपराध नहीं कहा जाएगा—even यदि बाद में यह पाया जाए कि न्यायालय के पास उस आदेश को पारित करने का अधिकार (Jurisdiction) नहीं … Read more

Section 15 BNS Act of Judge when acting judicially.

Section 15 BNS

प्रस्तावना of Section 15 BNS भारत एक विधि-प्रधान देश है, जहाँ न्यायपालिका लोकतंत्र का तीसरा स्तंभ मानी जाती है। न्यायपालिका के कार्य निष्पक्ष, स्वतंत्र और न्यायोचित हों, इसके लिए आवश्यक है कि न्यायाधीश अपने निर्णय और कार्य न्यायिक शक्तियों के अंतर्गत ही करें।इसी उद्देश्य से भारतीय न्याय संहिता, 2023 (BNS) की Section 15 BNS में … Read more

Section 14 BNS Act done by a person bound, or by mistake of fact believing himself bound, by law

Section 14 BNS

प्रस्तावना भारतीय न्याय संहिता (Bharatiya Nyaya Sanhita – BNS) 2023, भारतीय दंड संहिता (IPC) की जगह लागू की गई है। इसका उद्देश्य दंड विधि को अधिक सरल, आधुनिक और भारत की सामाजिक-कानूनी परिस्थितियों के अनुरूप बनाना है। इस संहिता की Section 14 BNS का संबंध उन कार्यों से है जो किसी व्यक्ति द्वारा इस विश्वास … Read more

Section 13 BNS Enhanced Punishment for Certain Offences after Previous Conviction

Section 13 BNS

प्रस्तावना of Section 13 BNS भारतीय न्याय संहिता (Bharatiya Nyaya Sanhita, 2023) का उद्देश्य भारतीय दंड संहिता, 1860 (IPC) को अधिक व्यावहारिक, समयानुकूल और सरल रूप में प्रस्तुत करना है। इसी कड़ी में धारा 13 BNS ( Section 13 BNS ) उन अपराधों से संबंधित है, जहाँ किसी अपराधी ने पहले भी अपराध किया हो … Read more

Section 12 BNS Limit of solitary confinement.

Section 12 BNS

Section 12 BNS (भारतीय न्याय संहिता) – एकांत कारावास की सीमा प्रस्तावना of Section 12 BNS भारतीय न्याय संहिता (Bharatiya Nyaya Sanhita – BNS) 2023 के अंतर्गत अपराधियों के लिए दंड निर्धारण में विभिन्न प्रकार की सज़ाओं का प्रावधान किया गया है। इन सज़ाओं में से एक विशेष प्रकार की सज़ा है एकांत कारावास (Solitary … Read more

Section 11 BNS BHARATIYA NYAYA SANHITA, 2023 Solitary confinement.

Section 11 BNS

प्रस्तावना भारतीय न्याय संहिता (Bharatiya Nyaya Sanhita – BNS) 2023 ने भारतीय दंड संहिता (IPC) को प्रतिस्थापित करते हुए कई प्रावधानों में बदलाव किया है। इनमें धारा 11 (Section 11 BNS) एक महत्वपूर्ण प्रावधान है, जो “एकांत कारावास” (Solitary Confinement) से संबंधित है। एकांत कारावास का अर्थ है – कैदी को समाज से, अन्य कैदियों … Read more

Section 10 BNS Punishment of person guilty of one of several offences, judgment stating that it is doubtful of which.

Section 10 BNS

प्रस्तावना भारतीय न्याय संहिता (Bharatiya Nyaya Sanhita – BNS) 2023, भारतीय दंड संहिता (IPC) का नया रूप है जिसे आपराधिक न्याय व्यवस्था को और अधिक सरल, प्रभावी तथा समयानुकूल बनाने के उद्देश्य से लागू किया गया है।इस संहिता की धारा 10 (Section 10 BNS) एक महत्वपूर्ण प्रावधान है, जो उस स्थिति से संबंधित है जब … Read more

Section 9 BNS Limit of punishment of offence made up of several offences.

section 9 BNS

प्रस्तावना भारत में दंड विधि का उद्देश्य केवल अपराधी को दंडित करना ही नहीं है, बल्कि न्याय के सिद्धांतों को संतुलित रखना भी है। यदि किसी अपराधी को एक ही घटना या कृत्य के लिए बार-बार अलग-अलग सजाएँ दी जाएँ तो यह न्याय की भावना के विपरीत होगा। इसी समस्या का समाधान भारतीय न्याय संहिता, … Read more

Section 8 BNS Amount of fine default of payment of fine etc.

section 8 BNS

प्रस्तावना भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 ने भारतीय दंड संहिता (IPC), 1860 को प्रतिस्थापित कर दिया है। इसमें दंड व्यवस्था को अधिक स्पष्ट, सुसंगत और आधुनिक बनाने का प्रयास किया गया है। विशेषकर Section 8 BNS अपराधियों पर लगाए गए जुर्माने (Fine) और उसकी अदायगी न होने की स्थिति में दंडात्मक परिणाम को निर्धारित करती … Read more