Section 358 BNSS Power to proceed against other persons appearing to be guilty of offence.

Section 358 BNSS

Section 358 BNSS: अन्य व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई करने की शक्ति Section 358 BNSS भारतीय दंड संहिता का एक महत्वपूर्ण प्रावधान है, जो अदालत को यह अधिकार देता है कि वह उन व्यक्तियों के खिलाफ भी कार्रवाई कर सके, जो सीधे आरोपी नहीं हैं लेकिन जिनके खिलाफ साक्ष्यों से यह प्रतीत होता है कि उन्होंने … Read more

Section 348 BNSS topic is Power to summon material witness, or examine person present.

Section 348 BNSS

भारतीय न्याय संहिता, 2023 की Section 348 BNSS: महत्वपूर्ण साक्षी को बुलाने और उपस्थित व्यक्ति की परीक्षा की शक्ति केंद्र सरकार द्वारा पारित भारतीय न्याय संहिता, 2023 (BNS) में Section 348 BNSS न्यायिक प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण प्रावधान है। यह Section न्यायालयों को यह अधिकार प्रदान करती है कि वे किसी भी व्यक्ति को गवाह … Read more

भारत का पाकिस्तान को बड़ा चेतावनी: सिर क्रीक में आक्रामक रुख बर्दाश्त नहीं

bharat Indian army

भारत और पाकिस्तान के बीच दशकों से चल रहा सिर क्रीक विवाद एक बार फिर सुर्खियों में है। हाल ही में भारत ने पाकिस्तान को इस संवेदनशील क्षेत्र में किसी भी आक्रामक कदम के खिलाफ कड़ी चेतावनी जारी की है। यह विवाद केवल दोनों देशों की सीमा तक सीमित नहीं है, बल्कि इस क्षेत्र की … Read more

Section 32 BNS Act to which a person is compelled by threats.

Section 32 BNS

Section 32 BNS : धमकी से विवश होकर किया गया कार्य भारत के नए भारतीय न्याय संहिता, 2023 (Bharatiya Nyaya Sanhita – BNS) में Section 32 BNS एक अत्यंत महत्वपूर्ण प्रावधान है। यह प्रावधान उन परिस्थितियों से जुड़ा हुआ है जब कोई व्यक्ति किसी गंभीर धमकी, विशेषकर तात्कालिक मृत्यु (instant death) के भय के कारण, … Read more

Section 31 BNS Communication Made in Good Faith

Section 31 BNS

भारत के Bharatiya Nyaya Sanhita, 2023 (BNS) में Section 31 BNS एक महत्वपूर्ण प्रावधान है, जो “Communication made in good faith” अर्थात् सद्भावना से की गई संचार को अपराध से मुक्त करता है। इस धारा का मूल उद्देश्य यह स्पष्ट करना है कि यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति के हित में, पूरी निष्ठा और … Read more

Section 30 BNS Act done in good faith for benefit of a person without consent.

Section 30 BNS

Section 30 BNS: किसी व्यक्ति के लाभ हेतु बिना सहमति के सद्भावना में किया गया कार्य भारतीय न्याय प्रणाली में Section 30 BNS (Bharatiya Nyaya Sanhita, 2023) एक अत्यंत महत्वपूर्ण प्रावधान है। यह धारा उन परिस्थितियों को स्पष्ट करती है जहाँ किसी व्यक्ति की सहमति उपलब्ध न होने के बावजूद, उसके लाभ हेतु और पूर्ण … Read more

Section 29 BNS Exclusion of acts which are offences independently of harm caused.

Section 29 BNS

Section 29 BNS : ऐसे कृत्य जो स्वतंत्र अपराध हैं, भले ही सहमति हो भूमिका Section 29 BNS भारतीय दंड संहिता (Bharatiya Nyaya Sanhita – BNS) में विभिन्न धाराओं के माध्यम से अपराध और दंड की परिभाषा दी गई है। Section 29 BNS का विशेष महत्व है क्योंकि यह स्पष्ट करती है कि कुछ अपराध … Read more

Section 28 BNS Consent known to be given under fear or misconception.

Section 28 BNS

Section 28 BNS : भय या भ्रांति में दी गई सहमति (Consent known to be given under fear or misconception) भारतीय दंड संहिता (Bharatiya Nyaya Sanhita – BNS) के अंतर्गत Section 28 BNS एक अत्यंत महत्वपूर्ण प्रावधान है। यह धारा इस सिद्धांत पर आधारित है कि किसी भी व्यक्ति की सहमति तभी मान्य होगी जब … Read more

Section 27 BNS Act done in good faith for benefit of child or person of unsound mind, by, or by consent of guardian.

Section 27 BNS

परिचय भारतीय न्याय संहिता Section 27 BNS में अच्छे इरादे से किया गया कार्य एक महत्वपूर्ण कानूनी अवधारणा है जो विशेष परिस्थितियों में सुरक्षा प्रदान करती है। यह प्रावधान उन कार्यों को संरक्षण देता है जो बारह वर्ष से कम आयु के बालकों या मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्तियों के कल्याण के लिए किए जाते … Read more

Section 26 BNS Act not intended to cause death, done by consent in good faith for person’s benefit.

Section 26 BNS

Section 26 BNS भारतीय न्याय संहिता के अनुसार, कानूनी प्रावधान यह कहते हैं कि अगर कोई कार्य अच्छे विश्वास में और पीड़ित की सहमति से किया जाए, तो वह अपराध नहीं है। यह भले ही उस कार्य से मृत्यु हो सकती हो। यह सिद्धांत विशेष रूप से चिकित्सा प्रक्रियाओं में महत्वपूर्ण है। सर्जन या चिकित्सक अपनी पेशेवर जिम्मेदारी के तहत निर्णय लेते हैं। एक उदाहरण के रूप में, एक सर्जन एक जोखिम भरी सर्जरी कर सकता है। इसमें रोगी की मृत्यु होने की संभावना हो सकती है। लेकिन अगर वह अच्छे विश्वास में और रोगी की सहमति से करता है, तो वह अपराध नहीं है। मुख्य बातें Section 26 BNS का विस्तृत विश्लेषण Section 26 BNS के नियमों को समझने से हमें इसके कानूनी और सामाजिक प्रभावों को समझने में मदद मिलती है। यह धारा उन मामलों में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जहां कार्यों के परिणामस्वरूप किसी प्रकार की हानि हो सकती है। Important For You :- Section 25 BNS Act not intended and not known to be likely to cause death or grievous hurt, done by consent. कानूनी प्रावधान का मूल सिद्धांत और उद्देश्य कानूनी प्रावधान का मूल सिद्धांत यह सुनिश्चित करना है कि कार्य अच्छे विश्वास में और पीड़ित की सहमति से किए जाएं। इसका उद्देश्य उन व्यक्तियों को कानूनी सुरक्षा प्रदान करना है जो अच्छे विश्वास में कार्य कर रहे हैं। यह प्रावधान विशेष रूप से चिकित्सकीय संदर्भ में महत्वपूर्ण है, जहां सर्जरी या अन्य चिकित्सकीय प्रक्रियाओं के दौरान रोगी की सहमति और सद्भावना का विशेष ध्यान रखा जाता है। सहमति का महत्व और प्रकार: स्पष्ट और निहित सहमति का महत्व इस तथ्य में निहित है कि यह सुनिश्चित करता है कि व्यक्ति अपनी इच्छा और जानकारी के साथ किसी कार्य के लिए सहमत हो। सहमति दो प्रकार की होती है: स्पष्ट और निहित। स्पष्ट सहमति वह है जो प्रत्यक्ष रूप से व्यक्त की जाती है, जबकि निहित सहमति परिस्थितियों से अनुमानित की जाती है। “सहमति का होना न केवल कानूनी रूप से आवश्यक है, बल्कि यह नैतिक और नैतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है।” सद्भावना का कानूनी अर्थ और आवश्यकता सद्भावना का कानूनी अर्थ है किसी कार्य को ईमानदारी और निष्पक्षता के साथ करना। यह विशेष रूप से उन मामलों में आवश्यक है जहां किसी व्यक्ति के कार्यों का दूसरों पर प्रभाव पड़ सकता है। सद्भावना का होना यह सुनिश्चित करता है कि कार्य बिना किसी दुर्भावना के किए जा रहे हैं। इस प्रकार, Section 26 BNS  का विस्तृत विश्लेषण हमें इसके कानूनी प्रावधानों, सहमति के महत्व, और सद्भावना की आवश्यकता को समझने में मदद करता है। चिकित्सकीय केस स्टडी: जीवन बचाने वाली सर्जरी का उदाहरण A dimly lit hospital room, crisp … Read more